29.7.11

रोज गायब हो जाते हैं 20 बच्चे!


हाल ही में जारी चाइल्ड राइट्स एंड यू ( क्राई ) की एकरिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि दिल्ली सेरोजाना 18 से 20 बच्चे गुम हो जाते हैं , जिनमें सेज्यादातर की उम्र 12 से 18 साल के बीच होती है। इन गुमहोने वाले बच्चों में से 6.76 प्रतिशत की उम्र 0-6 साल , 6.76 प्रतिशत की 7-12 साल और 72.8 प्रतिशत की उम्र 12-18 सालके बीच होती है।

ये तो वे आंकड़े हैं जो पुलिस औरआरटीआई की मदद से मिले हैं लेकिन कई ऐसे केस भी हैं जिनके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। अगर उन आंकड़ों को भी मिला लिया जाए तो ये आंकड़े और भी बढ़ जाएंगे। क्राई की इस रिपोर्ट को दिल्ली, उत्तर प्रदेश औरमध्य प्रदेश से मिले आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया है। 


इस रिपोर्ट पर बहस के लिए क्राई की ओर से शुक्रवार को चर्चा का आयोजन किया गया था। इस मौके पर खोए बच्चों के पैरंट्स के अलावा जूरी भी मौजूद थी। इस बहस में नांगलोई से आई खुरनारा ने बताया कि उनकी साल की बेटी नेहा घर से गायब हो गई थी। कई दिनों तक ढूंढने के बाद उसका कुछ भी पता नहीं चल पाया औरपुलिस की तरफ से भी इतना सहयोग नहीं मिल पाया था। लेकिन मैं किस्मत वाली थी कि मेरी बेटी मुझे कुछ दिनों बाद वापिस मिल गई। पर हर मां-बाप खुरनारा की तरह किस्मत वाले नहीं होते। ऐसे भी कई लोग वहांमौजूद थे जिनके बच्चों का आजतक कोई पता नहीं चल पाया कि वे कहां हैं। जूरी में संयुक्त पुलिस आयुक्त एस नृत्यनंजनएनसीपीसीआर के वरिष्ठ सलाहकार डॉ रमाकांत नायक ,डीसीपीसीआर के डॉ आमोद कंठसेंटर फॉर चाइल्ड की भारती अलीसुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज डी पी वधवा और दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस ए पी शाह जैसी हस्तियां मौजूद थीं। क्राई की डायरेक्टरयोगिता वर्मा ने कहा कि बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए काफी जरूरी है कि सभी केसों के अपडेटेड रेकॉडर्स हों।

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