आगरा : किशोर संप्रेक्षण गृह में बुधवार को पहुंची क्राई की टीम को खामियां मिलने के साथ ही कई चौंकाने वाली जानकारियां भी मिलीं।
क्राई (चाइल्ड राइट एंड यू) की सदस्य विनीका कारौली व मानवाधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस अपराह्न लगभग दो बजे से शाम पांच बजे तक रहे। इस दौरान वहां रहने वाले किशोरों से बातचीत करके उनकी दिक्कतों के बारे में जानकारी की। टीम के सदस्य नरेश पारस ने बताया एक बच्चे ने अपनी उम्र आठ व दूसरे ने दस साल बताई। जबकि एक ने अपनी उम्र 20 साल बताई। गौरतलब है कि किशोर संप्रेक्षण गृह में 12 से 18 साल तक के बच्चों को रखा जाता है। नियमानुसार एक बच्चे को छह माह से अधिक वहां नहीं रखा जा सकता जबकि किशोर गृह में ऐसे भी बच्चे थे जो तीन साल से भी अधिक समय से वहां रह रहे थे। एक किशोर दहेज एक्ट का भी मिला। किशोर गृह की क्षमता 75 की है जबकि वहां 92 किशोर थे। जिसमें 10 से 14 साल तक के 17 बच्चे थे। जबकि 15 से 18 साल तक 77 किशोर थे। निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों को व्यवहार के लिए खास हिदायत दी गयी। साथ किशोर गृह की पुरानी हो चुकी इमारत की जगह नई बिल्डिंग बनवाने की जरूरत भी बताई। इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी दिलीप कुमार, संप्रेक्षण गृह के सहायक अधीक्षक डा. सुभाषचंद मिश्रा आदि मौजूद थे।
क्राई (चाइल्ड राइट एंड यू) की सदस्य विनीका कारौली व मानवाधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस अपराह्न लगभग दो बजे से शाम पांच बजे तक रहे। इस दौरान वहां रहने वाले किशोरों से बातचीत करके उनकी दिक्कतों के बारे में जानकारी की। टीम के सदस्य नरेश पारस ने बताया एक बच्चे ने अपनी उम्र आठ व दूसरे ने दस साल बताई। जबकि एक ने अपनी उम्र 20 साल बताई। गौरतलब है कि किशोर संप्रेक्षण गृह में 12 से 18 साल तक के बच्चों को रखा जाता है। नियमानुसार एक बच्चे को छह माह से अधिक वहां नहीं रखा जा सकता जबकि किशोर गृह में ऐसे भी बच्चे थे जो तीन साल से भी अधिक समय से वहां रह रहे थे। एक किशोर दहेज एक्ट का भी मिला। किशोर गृह की क्षमता 75 की है जबकि वहां 92 किशोर थे। जिसमें 10 से 14 साल तक के 17 बच्चे थे। जबकि 15 से 18 साल तक 77 किशोर थे। निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों को व्यवहार के लिए खास हिदायत दी गयी। साथ किशोर गृह की पुरानी हो चुकी इमारत की जगह नई बिल्डिंग बनवाने की जरूरत भी बताई। इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी दिलीप कुमार, संप्रेक्षण गृह के सहायक अधीक्षक डा. सुभाषचंद मिश्रा आदि मौजूद थे।
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