14.12.09

सबको शिक्षा समान शिक्षा अभियान को उम्मीद से ज्यादा जनसमर्थन

शिरीष खरे

मुंबई / चाईल्ड राईटस एण्ड यू ने बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम में संशोधन किए जाने को लेकर जो हस्ताक्षर अभियान छेड़ा था उसे उम्मीद से ज्यादा जनसमर्थन मिला है। सबको शिक्षा समान शिक्षा के नाम से चलाया गया यह देशव्यापी अभियान अब अपने आखिरी पड़ाव पर है। जैसे कि उम्मीद की जा रही थी कि इस अभियान से देशभर के करीब 5 लाख लोग जुड़ेंग मगर जो नतीजा मिला है उसके मुताबिक 11 दिसम्बर तक 18 राज्यों के 20 शहरों, 6700 मलिन बस्तियों और गांवों से करीब 8 लाख लोगों ने चार्टर पर हस्ताक्षर किए हैं।


14 नंवबर याने बालदिवस के मौके पर चाईल्ड राईटस एण्ड यू ने सबको शिक्षा समान शिक्षा अभियान की शुरूआत की थी। इस अभियान का मकसद देश के नागरिकों की भागीदारी से बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम-2009 में संशोधन करवाना और खास तौर से 3 मांगों को मनवाने के लिए दबाव बनवाना था। इस अभियान को अपनी शुरुआत से ही भारी जनसमर्थन मिलने लगा था।


इस दौरान चार्टर पर हस्ताक्षर करवाने के साथ-साथ बच्चों से संबंधित अनेक गतिविधियां की आयोजित की गईं जैसे- हैदराबाद, बैंगलौर और चेन्नई में बच्चों द्वारा अपनी समस्याओं पर जनसुनवाईयां हुईं। मुंबई में बसों के जरिए कई जगहों पर पहुंचकर, बसों में ही बच्चों की कार्यशालाएं हुईं । कलकत्ता और भुवनेश्वर में नुक्कड़ नाटक हुए। दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान से करीब 1 हजार नागरिकों ने सबको शिक्षा के अधिकार के समर्थन में पैदल मार्च किया। इस कार्यक्रम में बाल समूह के अध्यक्ष 13 वर्षीय महेन्द्र रजक, कभी बाल मजदूर करने वाली 12 वर्षीय अस्मिना शाह, भोजन के अधिकार अभियान के जिआन द्रेज, बिराज पटनायक, सामाजिक कानूनविद अशोक अग्रवाल और क्राई की पूजा मारवाह शामिल हुए। इस मौके पर मोमबत्तियों को जलाकर गीत गाये गए। इसी तरह देशभर से बाकी हिस्सों में भी रैली और जनजागरण से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम हुए।


चाईल्ड राईटस एण्ड यू द्वारा हस्ताक्षर चार्टर को अब राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्र सरकार के मंत्रियों, राज्य के मुख्यमंत्रियों और सभी महत्वपूर्ण अधिकारियों के सामने रखा जाएगा और उनसे  > 6 साल से नीचे और 15 से 18 साल तक के बच्चों को भी अधिनियम में जगह देने,  >> हर बस्ती से 1 किलोमीटर के भीतर योग्य शिक्षक और सुविधाजनक स्कूल होने और  >>> सकल घरेलू उत्पाद का 10 % शिक्षा पर खर्च करने के लिए कहा जाएगा।


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संपर्क : shirish2410@gmail.com

2 टिप्‍पणियां:

मुनेन्द्र सोनी ने कहा…

आशा है कि ये सपना अवश्य पूरा होगा इस सपने को पूरा करने के लिये आपके जैसे समर्पित व्यक्ति यदि सतत प्रयासरत हैं तो अवश्य सच होगा। आपको साधुवाद

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

यह प्रसन्नता का विषय है।

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छोटी सी गल्ती, जो बड़े-बड़े ब्लॉगर करते हैं।
धरती का हर बाशिंदा महफ़ूज़ रहे, खुशहाल रहे।