tag:blogger.com,1999:blog-8281509154167601172.post1489017249463868050..comments2023-10-30T02:15:31.867-07:00Comments on दोस्त: बाल मजदूरी की मजबूरीCRY के दोस्तhttp://www.blogger.com/profile/12227505473720356706noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8281509154167601172.post-2346350320922101322009-06-14T20:42:31.457-07:002009-06-14T20:42:31.457-07:00kuchh thos kadam uthane jaroori hai...kuchh thos kadam uthane jaroori hai...RAJNISH PARIHARhttps://www.blogger.com/profile/07508458991873192568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8281509154167601172.post-69677940059955146772009-06-13T10:48:47.360-07:002009-06-13T10:48:47.360-07:00शिरीष जी ,
आपने अपने लेख में भारत वर्ष की एक ज्वलं...शिरीष जी ,<br />आपने अपने लेख में भारत वर्ष की एक ज्वलंत समस्या को प्रस्तुत किया है .लेकिन दिक्कत यह है की बालश्रम उन्मूलन के इतने कठोर कानून बनाने के बाद भी यह समस्या अभी तक ख़त्म क्यों नहीं हो रही है...कभी इस बात पर भी गौर फरमाइए .इस समस्या को ख़त्म करने के लिए आम आदमी क्या कर रहा है .. ....सरकारी स्तर पर, एन जी ओ के माध्यम से तो जो कोशिशें हो रही हैं वो पर्याप्त नहीं हैं .जब तक इस मुहीम में आम आदमी इन्वाल्व नहीं होगा यह समस्या बनी रहेगी .मुझे तो लगता है की बाल मजदूरी भी हमारे देश के संचालकों ,शासकों के लिए एक चुनावी मुद्दा मात्र है इसे जब तक बनाये रखो अच्छा है ..अगले चुनाव में फिर इसी के बाल पर इलेक्शन जीतेंगे .<br />बहरहाल आपने बहुत बढ़िया लेख प्रकाशित किया .बधाई .<br />हेमंत कुमारडा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03899926393197441540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8281509154167601172.post-13106811299869149162009-06-12T10:24:22.200-07:002009-06-12T10:24:22.200-07:00dukhad
vednapoornadukhad<br />vednapoornaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8281509154167601172.post-68236664067336424572009-06-12T08:59:03.983-07:002009-06-12T08:59:03.983-07:00मु्द्दा गंभीर है, पर सवाल ये है कि क्या इसपे अमल क...मु्द्दा गंभीर है, पर सवाल ये है कि क्या इसपे अमल करना सिर्फ सरकार का काम है? आपने मु्द्दा बाल मजदुरी पर उठाया या गरिबी पे ये समझ मे नही आया, मुद्दे मे ठहराव की जरुरत है। सार्थक लेख।।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8281509154167601172.post-49794823611660068692009-06-12T06:15:58.987-07:002009-06-12T06:15:58.987-07:00एक सामाजिक बिषय, जो कि अब रोग बन चुका है, पर आपने ...एक सामाजिक बिषय, जो कि अब रोग बन चुका है, पर आपने अच्छा लिखा है। कानून तो अपने देश में हैं लेकिन लागू करने वाले ही नहीं हैं और जिन्हें लागू करने के लिए अधिकृत किया गया है, वे प्रायः निकम्मे हैं। कहते हैं कि-<br /><br />हजारों जुर्म करके भी फिरे उजले लिबासों में।<br />करिश्मे हैं सियासत के वकीलों के अदालत के।।<br /> <br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.com<br />shyamalsuman@gmail.श्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8281509154167601172.post-12335447450377839642009-06-12T06:13:28.365-07:002009-06-12T06:13:28.365-07:00लेख बढ़िया है पर मै कहना चाहूँगा की भारत में बाल श...लेख बढ़िया है पर मै कहना चाहूँगा की भारत में बाल श्रमिकों के लिए अधिनियम तो बानाए गए है पर उन पर अमल नहीं किया जाता है . नेतागण बाल श्रमिकों के हाथो चाय तो पी लेते है पर उनके बारे में अपनी मुंह कभी नहीं खोलते.महेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8281509154167601172.post-90916065180380076962009-06-12T06:01:51.406-07:002009-06-12T06:01:51.406-07:00hi shrish gud one dear, well this is neeraj nayyar...hi shrish gud one dear, well this is neeraj nayyar from navbharat-bhopal. ab toh pachaan hi liya hoga. aur sab kaisa chal raha hai.<br /><br />checkout my blog: www.suchthetruth.blogspot.comNeeraj Nayyarhttps://www.blogger.com/profile/05458062628513031200noreply@blogger.com